नोएडा में एयरपोर्ट का रास्ता साफ, मिलेंगी वर्ल्ड क्लास सुविधाएं
ग्रेटर नोएडा के जेवर में एयरपोर्ट बनाने का रास्ता साफ हो गया है। इसे लेकर ऑब्सटेकल लिमिटेशन सर्फेस (ओएलएस) सर्वे के बाद रिपोर्ट केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय को सौंप दी गई थी। जिसके बाद मंत्रालय ने दिल्ली एयरपोर्ट पर ट्रैफिक के दबाव को देखते हुए नोएडा एयरपोर्ट को मंजूरी दे दी है। इसके बाद यूपी के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया। एविएशन मिनिस्टर एजी राजू ने कहा कि नोएडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट आने वाले 10-15 साल में 30-35 करोड़ सालाना पैसेंजर्स वाला एयरपोर्ट होगा। बताया जा रहा है कि इस एयरपोर्ट को चालू होने में 5-6 साल का समय लग सकता है।
ग्रेटर नोएडा में अब इसके लिए जमीन अधिग्रहण का काम शुरू होगा। बताया जा रहा है कि इस पूरे प्रॉजेक्ट में 15-20 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा। मथुरा, वृंदावन और आगरा करीब होने की वजह से प्रदेश के टूरिजम को भी इससे काफी फायदा होगा। यूपी मंत्री सिद्धार्थनाथ ने बताया कि डोमेस्टिक और इंटरनैशनल ट्रैफिक को कैटर करने के अलावा देश का कार्गो हब भी होगा। ग्रेटर नोएडा में इसके लिए करीब 3 हजार हेक्टेअर जमीन चिह्नित की गई थी, इस प्रॉजेक्ट में पहले चरण में 2 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे।
बता दें कि सर्वे रिपोर्ट में एयरपोर्ट के लिए जिस जमीन को चिह्नित किया है, उसके 20 किलोमीटर के दायरे में ओवर हाइट बिल्डिंग, चिमनी और मीनार आदि नहीं है। इस लिहाज से इस एयरपोर्ट को लेकर कोई बाधा नजर नहीं आ रही थी। सर्वे टीम ने एयरपोर्ट के लिए ग्रेटर नोएडा के गांव कुरैब, रनहेरा, किशोरपुर, ख्वाजपुर, किशोरपुर, रोही, थोरा, साबोता, बंकापुर, पारौही, रामनेर, धीतर नगला के आस-पास के 38 गांवों की 5000 हेक्टेयर जमीन का सर्वे किया था।
ग्रेटर नोएडा के जेवर में एयरपोर्ट बनाने का रास्ता साफ हो गया है। इसे लेकर ऑब्सटेकल लिमिटेशन सर्फेस (ओएलएस) सर्वे के बाद रिपोर्ट केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय को सौंप दी गई थी। जिसके बाद मंत्रालय ने दिल्ली एयरपोर्ट पर ट्रैफिक के दबाव को देखते हुए नोएडा एयरपोर्ट को मंजूरी दे दी है। इसके बाद यूपी के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया। एविएशन मिनिस्टर एजी राजू ने कहा कि नोएडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट आने वाले 10-15 साल में 30-35 करोड़ सालाना पैसेंजर्स वाला एयरपोर्ट होगा। बताया जा रहा है कि इस एयरपोर्ट को चालू होने में 5-6 साल का समय लग सकता है।
ग्रेटर नोएडा में अब इसके लिए जमीन अधिग्रहण का काम शुरू होगा। बताया जा रहा है कि इस पूरे प्रॉजेक्ट में 15-20 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा। मथुरा, वृंदावन और आगरा करीब होने की वजह से प्रदेश के टूरिजम को भी इससे काफी फायदा होगा। यूपी मंत्री सिद्धार्थनाथ ने बताया कि डोमेस्टिक और इंटरनैशनल ट्रैफिक को कैटर करने के अलावा देश का कार्गो हब भी होगा। ग्रेटर नोएडा में इसके लिए करीब 3 हजार हेक्टेअर जमीन चिह्नित की गई थी, इस प्रॉजेक्ट में पहले चरण में 2 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे।
बता दें कि सर्वे रिपोर्ट में एयरपोर्ट के लिए जिस जमीन को चिह्नित किया है, उसके 20 किलोमीटर के दायरे में ओवर हाइट बिल्डिंग, चिमनी और मीनार आदि नहीं है। इस लिहाज से इस एयरपोर्ट को लेकर कोई बाधा नजर नहीं आ रही थी। सर्वे टीम ने एयरपोर्ट के लिए ग्रेटर नोएडा के गांव कुरैब, रनहेरा, किशोरपुर, ख्वाजपुर, किशोरपुर, रोही, थोरा, साबोता, बंकापुर, पारौही, रामनेर, धीतर नगला के आस-पास के 38 गांवों की 5000 हेक्टेयर जमीन का सर्वे किया था।
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